Thursday, 14 February 2019

Journal Entries


नमस्कार दोस्तों मेरा नाम फैशल खान है और आप विजिट कर रहे हैं Faishal's Blog यहाँ मैं आपकी हेल्प के लिए कॉमर्स नॉलेज लेकर आता हूँ ऐसी ही कॉमर्स नॉलेज के लिए फॉलो कीजिये हमारा ब्लॉग और विजिट करते रहिये। दोस्तों आज का हमारा टॉपिक है जर्नल एंट्री किस तरह की जाती हैं। अगर आप किसी अकाउंटेंट की जॉब के लिए भी जाते हैं तो उसके लिए आपको कम से कम टैली का आना बहुत जरुरी है और  टैली के लिए जरुरी है आपका जर्नल एंट्री का आना।

जर्नल एंट्री करना
जर्नल एंट्री के लिए हमें एक फॉर्मेट तैयार करना होता है जिसमें 5 कॉलम होते हैं पहला Date, दूसरा Particulars, तीसरा Ledger Folio, चौथा Amount Debit और पाँचवा Amount Credit
किसी भी लेन देन का लेखा करने के लिए सबसे पहले उस लेन देन को समझना चाहिए
जर्नल एंट्री में खाते कम से कम प्रभावित होते हैं उदाहरण के लिए- राम से पेमेंट मिली
यहाँ पर वो दो खाते हैं- राम और पैसे
मिलने वाली चीज को हमेशा डेबिट किया जाता है, यहाँ पर हमें पैसे मिले हैं तो  Cash Account Debit
और जो बचा हुआ खाता यानि राम को हम क्रेडिट करेंगे To Ram
इस तरह से हमारी एंट्री होगी-
Cash Account                     Debit
                  To Ram
(Payment received from Ram)
इसी तरह चलिए कोई दूसरी एंट्री बनाते हैं। कुछ पैसे लगाकर बिज़नेस स्टार्ट किया यहाँ पर वो दो खाते होंगे-  पैसे और कैपिटल
दोस्तों कैपिटल होती है जब किसी भी बिज़नेस को  शुरू करने  के लिए जो पैसे लगाए जाते हैं
तो इस तरह ये एंट्री होगी-
Cash Account                     Debit
                To Capital A/c
(Business started with cash)
अगर किसी तरह का कोई खर्चा होता है जैसे- सैलरी का पेमेंट किया, मजदूरी दी, किराया दिया
तो खर्चे डेबिट होंगे और पेमेंट पैसे से किया जाता है तो उसे क्रेडिट किया जायेगा
Salary/Wages/Rent Account     Debit
      To Cash A/c
(Salary/Wages/Rent paid)
नोट-
1.       किसी भी व्यक्ति के नाम के साथ खाता शब्द नहीं लगाया जाता है
2.       मिलने वाली चीज को डेबिट और जो चीज हमारे पास से जाती है उसे क्रेडिट किया जाता है
3.       Debit को शॉर्ट में हम Dr. लिख देते हैं इसके बाद क्रेडिट वाले खाते को अगली लाइन में थोड़ा स्पेस देकर To लिखकर क्रेडिट खाते का नाम लिख देते हैं

Wednesday, 13 February 2019

Difference Between Trade Discount & Cash Discount

व्यापारिक छूट और नकद छूट में अंतर
(Difference Between Trade Discount & Cash Discount)


व्यापारिक छूट

(Trade Discount)

नकद छूट
(Cash Discount)

ये छूट सामान बेचते समय दी जाती है।
ये छूट पेमेंट लेते समय दी जाती है।
ये छूट एक फिक्स रकम से ऊपर का सामान खरीदने पर दी जाती है।
ये छूट एक फिक्स टाइम से पहले पेमेंट मिलने पर दी जाती है।
इस छूट की रकम को बीजक में पेमेंट वाली रकम   से घटा दिया जाता है।
इस छूट की रकम को पेमेंट मिलने पर कुल रकम से घटा दिया जाता है।
ये छूट बिक्री बढ़ने के लिए दी जाती है।
ये छूट तुरंत पेमेंट लेने के लिए दी जाती है।

ये छूट सामान के अंकित मूल्य पर दी जाती है।
ये छूट पेमेंट मिलने वाली रकम पर दी जाती है।

इस छूट का लेखा नहीं किया जाता है।
इस छूट का लेखा किया जाता है।

Meaning & Types of Discount

छूट का अर्थ और प्रकार
(Meaning & Types of Discount)
छूट का अर्थ
(Meaning of Discount)-
जब कोई ग्राहक कोई सामान खरीदता है तो दिए जाने वाली रकम पर कुछ रकम व्यापारी द्वारा छोड़ दी जाती है ये रकम ही छूट कहलाती है। व्यापारी अपनी बिक्री बढ़ाने या तुरंत भुगतान पाने के लिए छूट देता है
छूट के प्रकार
(Types of Discount)-
छूट तीन तरह की हो सकती है-
1.   व्यापारिक छूट (Trade Discount)
2.   नकद छूट (Cash Discount)
3.   विशेष छूट (Special Discount)

1.   व्यापारिक छूट- ऐसी छूट जो ग्राहकों को किसी सामान के सूची मूल्य कुछ प्रतिशत की दर पर दी जाती है । इस छूट को व्यापारी अपनी बिक्री बढ़ने के लिए देता है । इस छूट की एंट्री जर्नल लेखों में नहीं की जाती है

2.   नकद छूट- कोई भी सामान बेचने के बाद व्यापारी अपने ग्राहकों को सूचित करता है की अगर वो इसका पेमेंट तुरंत या एक फिक्स टाइम के अंदर करेंगे तो उन्हें कुछ रकम छोड़ दी जाएगी।

3.   विशेष छूट- ये छूट केवल कुछ विशेष ग्राहकों को अपना फिक्स ग्राहक बनाने या एक फिक्स रकम के ऊपर का सामान खरीदने पर ही दी जाती है। जर्नल लेखों में इनकी भी कोई एंट्री नहीं की जाती है